नागराज जिसको English में Snake King भी कहा जाता है ये Raj Comics का एक fictional character है, नागराज को राजकुमार गुप्ता और उनके पुत्र संजय गुप्ता, मनोज गुप्ता और मनीष गुप्ता ने मिलकर बनाया था। नागराज first appearence 1986 में "Nagraj" comics में हुई थी। नागराज Raj Comics का सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला और सबसे powerful character है।
Publisher : Raj Comics
First appearence : Nagraj (GENL - 14)
1986
Alter ego : Earlier - Mr. Raj
Now - Mr. Nagraj
Shah
Team affiliations : Protector Of Universe
Protectors Of Earth
and mankind
Latest comic : Swarnanagri Ki
Tabahi
Ongoing series : World Terrorism
series
Sarvanayak Vistar
series
Sarvanayak series
Appeared in : 205 comics
ORIGIN
नागराज की origin वैसे तो नागराज की पहली comics "नागराज" में बताई गई है लेकिन वो origin अधूरी थी इसलिए Raj Comics ने नागराज के character को बाद में reboot किया और उसकी origin खजाना series में फिर से बताया।
खजाना series में कुल 5 कॉमिक्स आयी है इस series के मुताबिक आज से लगभग 100 साल पहले तक्षकनगर में रानी ललिता और राजा तक्षकराज राज किया करते थे इन दोनों को किसी चीज़ की कमी नहीं थी बस एक ही चिंता रहती थी, एक संतान की इन दोनों को कोई भी बच्चा नहीं था। राजा तक्षकराज के पूर्वज साँपो के बहुत बड़े उपासक थे और उनके पास एक बहुत बड़ा खजाना था जिसकी रक्षा खुद देव कालजयी करते थे। एक दिन देव कालजयी ने खुश होकर रानी ललित को एक महान पुत्र होने का वरदान दिया लेकिन ये बात सुनकर राजा तक्षकराज का भाई नागपाशा खुश नही था वो नही चाहता था कि तक्षकराज को कोई पुत्र हो क्योंकि अगर तक्षकराज को कोई पुत्र हुआ तो खज़ाना उस बच्चे का हो जाएगा और इसीलिए उसने षड्यंत्र बनाना शुरू किया और इसने रानी ललित की पूजा थाली में मरा हुआ नेवला रख दिया जिसको देख कर देव कालजयी गुस्सा हो गए और उन्होंने रानी पर विष फुंकार(venomous breath) छोड़ दी। और देव कालजयी के विष फुंकार का इलाज पूरी दुनिया में किसी के पास नहीं था और ये सब देख कर राजा तक्षकराज देव कालजयी के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाने लगे तब देव कालजयी ने कहा कि अब वो कुछ नहीं कर सकते अब दोनों में से कोई एक ही बच सकता है उसकी पत्नी या फिर उसका बच्चा तब तक्षकराज ने रानी को चुना। और फिर कालजयी उसको एक मणि देते हैं और कहते हैं इसको घिसके दवा के साथ पिलाने से सारा विष बचे के शरीर मे चला जायेगा और रानी ललिता बच जायेंगी। अब रानी ललित तो बच गयीं लेकिन जब बच्चा पैदा हुआ तो उसका रंग नीले color का था और सबने Nagraj को मरा हुआ समझकर नदी में बहा दिया। ये बात सुनकर नागपाशा बहुत खुश हुआ और वो खजाना लेने के लिए देव कालजयी के पास पहुंच गया लेकिन जब वो कालजयी से खजाना मांगता है तब कालजयी उसको बताते है बच्चा अभी मरा नहीं है क्योंकि वो मेरे आशिर्वाद से जन्मा है इसलिए इतनी जल्दी नहीं मरेगा। ये सुनकर नागपाशा को गुस्सा आ जाता है और वो कालजयी पर attack कर देता है। लेकिन कालजयी उसको अपनी पूंछ से मारकर दूर फेंक देते है और वो विष और अमृत के प्याले में जाकर गिरता है विष से उसका चेहरा भयानक हो जाता है और अमृत से नागपाशा अमर हो जाता है। अब ये सारी बात सुनने के बाद राजा तक्षकराज ने खजाने को वेदाचार्य से कहकर एक तिलिस्म में बंद करवा दिया। लेकिन खजाना हसिल न कर पाने के क्रोध में नागपाशा ने अपने भाई तक्षकराज और रानी ललिता को मार दिया और Nagraj की खोज में निकल पड़ा।
दूसरी तरफ Nagraj बहते बहते नागद्वीप के पास पहुंच गया जहाँ इच्छाधारी नाग(shapeshifting snakes) रहा करते थे और वहां महाराजा मणिराज का राज था और वो बच्चा जब मणिराज को मिला तो मणिराज ने उसका इलाज शरु किया और लगभग 40 सालों के इलाज के बाद Nagraj का रंग नील से हरा होने लगा तब मणिराज ने सोचा कि इसी को अब नागद्वीप का अगला राजा बनाऊंगा। लेकिन ये बात विषंधर को सही नही लगी और वो बच्चे को वहीं वापस छोड आया जहां से मणिराज उसको लाया था। अब वहीं दूसरी तरफ प्रोफेसर नागमणी अपनी रिसर्च के लिए जंगल गया हुआ था वहीं पर उसको Nagraj मिला अब नागमणी उनको वहाँ से उठाकर अपनी लैब ले जाता है और उसपर कई सारे experiment करता है और उसको पाल पास कर बड़ा करता है और कई सारी training देकर एक कह खूंखार आतंकवादी बना देता है। इसके बाद नागमणी पैसा कमाने के लिए नागराज को भाड़े पे देने की घोषणा करता है और नागराज की बोली लगाता है जिसमें उसको बुलडॉग एक mission के लिए खरीद लेता है और उसको एक प्राचीन मंदिर से एक मूर्ती लाने के लिये भेजता है और जब नागराज अपने mission पर होता है तो उसका सामना बाबा गोरखनाथ से होता है और बाबा गोरखनाथ उसके अंदर से सारी बुराई खत्म कर देते हैं और एक superhero बना देते हैं।
thanks for this
ReplyDeleteThank you bhai aur please share karte rahiye
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